SBI PO: हर साल लाखों युवाओं का सपना होता है भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में प्रोबेशनरी ऑफिसर (PO) की प्रतिष्ठित पोस्ट पर चयन पाना। जब यह मौका आता है तो दिल की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं और परीक्षा हॉल का माहौल कुछ अलग ही होता है। आज यानी 2025 की SBI PO प्रीलिम्स परीक्षा का आयोजन हुआ और जैसे ही पेपर खत्म हुआ, परीक्षा विश्लेषण को लेकर सभी उम्मीदवारों में उत्सुकता बढ़ गई।
प्रीलिम्स पेपर का ओवरऑल लेवल कैसा रहा

SBI PO 2025 की प्रारंभिक परीक्षा का ओवरऑल लेवल इस बार ‘मॉडरेट’ से ‘थोड़ा टफ’ के बीच रहा। पेपर में संतुलन बनाए रखा गया, जिससे जिन छात्रों ने नियमित अभ्यास किया था, उनके लिए यह परीक्षा कुछ खास मुश्किल नहीं रही। हालांकि कुछ सेक्शन ऐसे भी थे जिनमें समय प्रबंधन और तेज़ सोच की जरूरत थी। खासकर रीज़निंग सेक्शन ने छात्रों की बुद्धिमता की सही परीक्षा ली।
क्वांट सेक्शन ने लिया थोड़ा टेस्ट
गणित यानी क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड इस बार थोड़ा सा ट्रिकी रहा। जिन उम्मीदवारों ने बेसिक क्लियर कर रखे थे, वे आसानी से सवालों को हल कर पाए, लेकिन जिनका अभ्यास कमज़ोर था, उन्हें समय की कमी महसूस हुई। डेटा इंटरप्रिटेशन और कैलकुलेशन वाले प्रश्नों में थोड़ा समय ज़रूर लगा, लेकिन वे सॉल्वेबल थे।
रीज़निंग में आया पैटर्न चेंज का सरप्राइज
रीज़निंग एबिलिटी का सेक्शन इस बार थोड़ा अलग पैटर्न के साथ सामने आया। कुछ नए प्रकार के पज़ल्स और सीटिंग अरेंजमेंट ने स्टूडेंट्स को चौंकाया, लेकिन जिन उम्मीदवारों ने मॉक टेस्ट्स में नए प्रकार के सवालों का अभ्यास किया था, उनके लिए यह अनुभवी क्षण बन गया।
इंग्लिश ने दिया थोड़ा आराम
अंग्रेजी भाषा का सेक्शन अपेक्षाकृत सरल और स्कोरिंग रहा। रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन, क्लोज़ टेस्ट, एरर डिटेक्शन जैसे टॉपिक्स बहुत जटिल नहीं थे और जिन उम्मीदवारों की बेसिक इंग्लिश अच्छी थी, वे इस सेक्शन में अच्छा स्कोर कर पाए। यह सेक्शन कट-ऑफ बढ़ाने में मदद कर सकता है।
क्या रहे ‘गुड अटेम्प्ट्स’
पेपर के विश्लेषण के बाद यह सामने आया कि यदि किसी उम्मीदवार ने कुल 65 से 75 प्रश्नों का प्रयास accuracy के साथ किया है, तो उसे सेफ ज़ोन में माना जा सकता है। हालांकि, वास्तविक कट-ऑफ कई फैक्टर्स पर निर्भर करेगी, जैसे कि शिफ्ट के अनुसार पेपर की कठिनाई और ओवरऑल प्रतिस्पर्धा का स्तर।
अब आगे की तैयारी कैसी होनी चाहिए

प्रीलिम्स परीक्षा अब खत्म हो चुकी है और फोकस अब मेन्स की तैयारी पर होना चाहिए। जिन उम्मीदवारों को उम्मीद है कि वे कट-ऑफ क्लियर कर लेंगे, उन्हें तुरंत मेन्स की रणनीति तैयार करनी चाहिए क्योंकि अगली परीक्षा में डेस्क्रिप्टिव और प्रोफेशनल नॉलेज का स्तर अधिक होगा। अब वक्त है फोकस, फोकस और सिर्फ फोकस का।
अस्वीकरण: यह लेख SBI PO 2025 की परीक्षा से जुड़ी विभिन्न शिफ्टों के उम्मीदवारों से मिली जानकारी और सामान्य परीक्षा विश्लेषण के आधार पर तैयार किया गया है। अंतिम निर्णय और सटीक आंकड़े SBI की आधिकारिक वेबसाइट और अधिसूचनाओं के माध्यम से ही मान्य होंगे। उम्मीदवारों से अनुरोध है कि वे किसी भी निर्णय से पहले अधिकृत जानकारी की पुष्टि करें।